कॉस्मिक एस्ट्रो पिपली (कुरुक्षेत्र) के डायरेक्टर ड़ॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि
आपके घर का नंबर आपका भाग्य बदल सकता है
एक से लेकर नौ तक के अंकों के संबंध व्यक्ति के हर पहलू के साथ जुड़े हुए हैं। मकान का नंबर तो सामान्य बात है। व्यक्ति जिस भी महानगर, शहर या गांव-कस्बे और मुहल्ले या कालोनियों में रहता है उसके नामाक्षरों से बने मूल अंक के तालमेल के आधार पर शुभ-अशुभ का आंकलन किया जा सकता है। यानि कि निवास करने वाले स्थान या शहर का मूल अंक व्यक्ति के जन्म अंक के अनुकूल हाने की स्थिति में वह स्थान उसके लिए संभावनाओं से भरा होता है। यदि व्यक्ति के नाम का अंक के साथ अंक शास्त्र के अनुसार मेल खाने वाला होता है तो वह स्थान उसके लिए और भी शुभ और भाग्यशाली माना जाता है।
इसी तरह से भागमभाग दौर को सुविधाजनक और आसान बनाने के लिये जीवन का अभिन्न अंग बन चुके वाहन के नंबर के साथ भी है। इस बारे में विस्तार से जानने से पहले आईए जानते हैं कि आपके जन्म अंक के मुताबिक किस नामांक वाले स्थान का प्रभाव कैसा हो सकता है।
निवास और अंक-
अंक 1 वाले व्यक्ति के लिए इसी अंक वाले शहर, मुहल्ले या कॉलोनी में रहना चाहिए जिसका नामांक एक हो। हालांकि अंक विद्या के अनुसार 1 और 4 तथा 2 और 7 वाले व्यक्ति वैसे किसी नाम वालों को सभी तरह के स्थान उपयुक्त होते हैं। इसके अनुसार 1, 2, 4 या 7 वाले वैसे किसी भी स्थान पर शुभ मानकर रह सकते हैं, जिनके नामांक वही नंबर यानि 1, 2, 4 या बनते हों।
इसी प्रकार से 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 अंक वाले व्यक्तियों को उन्हीं शहरों में रहना चाहिए जो उनके अंक के अनुकूल बनते हों। हालांकि अंक पांच वाले व्यक्ति किसी भी नामांक वाले शहर में रह सकते हैं। यह अंक सभी स्थानों के नामांकों को अपने अनुकूल बना लेता है।
अंक 4 और 8 वालों को यदि उनके अनुकूल नामांक के स्थान नहीं मिलता हो तो वे इससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव को अपने नाम के अक्षर बदल कर 1, 3, 5 या 6 श्रृंखला वाले अंक का बनाने से वह स्थान भाग्यशाली हो सकता है।
अंक 3, 6 और 9 ऐसे अंक हैं, जिन्हें जिधर से भी जोड़ा जाए अंतिम अंक 9 बनते हैं। इसलिए स्पष्ट है कि इन अंकों वाले व्यक्ति एक-दूसरे के अनुकूल होते हैं। उसी तरह से इस अंक वाले इन्हीं नामांक वाले शहर और स्थान खुद सहज और श्रेष्ठ बनाने में सफल होते हैं। इसके बावजूद मकान, स्थान या शहर की अनुकूलता व्यापक रूप से देखनी चाहिए। उनमें सबसे निकट और बार-बार हर महत्वपूर्ण जगह के इस्तेमाल आने वालों में मकान या फ्लैट का नंबर होता है। इस नंबर के अनुसार मकान के स्वरूप और उससे मिलने वाली सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा का भी पता चलता है। मकान का नंबर अगर एक से अधिक बनी संख्या हो तो उसके सभी अंकों को जोड़कर एक अंक की प्राप्ति होती है।